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क्रिसमस पर Tulsi Diwas, जानिये इसका महत्व, होंगी कई समस्याएं दूर



धार्मिक और औषधिक गुणों से भरपूर तुलसी हर घर में पूजी जाती है और तुलसी के महत्व को समझने के लिए हर साल 25 दिसंबर को तुलसी दिवस (Tulsi Diwas Christmas day 2023) मनाया जाता है। तुलसी में लक्ष्मी का वास होता है।  मान्यता है कि तुलसी दिवस के दिन विशेष मंत्रो का जाप करने से जीवन की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं और धन-वैभव में वृद्धि होती है। 
कहते हैं कि तुलसी दिवस के दिन तुलसी पूजन से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु जी की अति प्रिय है। भारत में भगवान को लगाये जाने वाले हर भोग में तुलसी दल रखा जाता है जो उस खाने-पीने की चीजों की शुद्धता का प्रतीक होता है।  तुलसी का पौधा घर में  होने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं होता है।



Tulsi Vivah 2023




    Holi Basil: तुलसी के अद्भुत गुण


    तुलसी को विज्ञान और धार्मिक अनुष्ठानों में भी पवित्र माना गया है। तुलसी एंटी-बैक्‍टीरियल होती है यानि खानपान की चीजों के आसपास के वातावरण में मौजूद बैक्‍टीरिया के प्रभाव को रोक देती है।
    तुलसी का उपयोग सर्दी-जुकाम, खॉसी, पाइरिया आदि रोगों में किया जाता है। तुलसी हिचकी और पसली का दर्द दूर करती है। यह कफ और वात से संबंधित बीमारियों को भी ठीक करती है।

    शरीर में टॉक्सिंस बढ़ जाने पर तुलसी सबसे बेहतरीन दवा के रूप में काम करती है। आजकल मेडिकल स्टोर्स में तुलसी के एक्सट्रैक्ट खूब बिकते हैं।


    तुलसी के बारे में जानकारी


    तुलसी का वैज्ञानिक नाम ऑसीमम सैक्टम होता है। सदियों से ऐलोपैथी, होमियोपैथी और यूनानी दवाओं में तुलसी का उपयोग किया जाता है और इसके बारे में वेदो में भी बहुत विस्तार से बताया गया है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है। घर के आंगन या बरामदे में अक्सर आप तुलसी का पौधा किसी गमले में लगा देख सकते हैं जिसकी पूजा की जाती है। फिल्मों में तुलसी की पूजा के कई दृश्य देखने मिल जाते हैं। हिंदी में मैं तुलसी तेरे आंगन की नाम की फिल्म ने किसी जमाने में धूम मचा दी थी।

    तुलसी की उम्र

    करीब तीन फुट तक का तुलसी का पौधा आमतौर पर बारिश और जाड़े में फलता फूलता है और करीब तीन साल तक बना रहता है। इसके बाद इसकी उम्र खत्म हो जाती है। जब इसके पत्ते पीले पड़ने लगे और सूखने लगें तो तुलसी को हटा कर नया पौथा लगाना चाहिये।



    कितने प्रकार की होती है तुलसी

    काली तुलसी (ऑसीमम अमेरिकन)

    मरुआ तुलसी ( ऑसीमम वेसिलिकम)

    राम तुलसी या वन तुलसी या अरण्य तुलसी ( आसीमम ग्रेटिसिकम)

    कर्पूर तुलसी (ऑसीमम किलिमण्डचेरिकम)

    ऑसीमम वेसिलिकम मिनिमम

    ऑसीमम सैक्टम

    ऑसीमम विरिडी


    घर में कौन सी तुलसी का पौधा लगाते हैं


    घर के गमलों में आमतौर पर तुलसी की दो प्रजातियां लगाई जाती हैं जिन्हें रामा और श्यामा कहा जाता है। रामा यानि गौरी के पत्तों का रंग हल्का होता है जबकि श्यामा के पत्तों का रंग काला होता है इसका उपयोग दवा के रूप में किया जाता है।

    तुलसी की एक प्रजाति वन तुलसी भी होती है। यह शरीर से जहर के प्रभाव को खत्म करती है लेकिन इसे घरों में नहीं लगाते। मरूवक भी तुलसी की एक जाति है,लेकिन आमतौर पर यह पायी नहीं जाती है।


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