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Lunar eclipse 2023: साल का आखिरी चंद्रग्रहण, पूरी जानकारी यहां पढ़ें

इस शनिवार यानि 28 अक्टूबर को होने वाली एक खगोलीय घटना को लेकर इस समय भारत में उत्सुकता है और हर कोई जानना चाहता है कि साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण यानि Lunar eclipse 2023 कब शुरू हो रहा है और इसके शुभ-अशुभ परिणाम क्या होने वाले हैं। आइये आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देते हैं


Lunar eclipse 2023

Lunar eclipse 2023: साल का आखिरी चंद्रग्रहण


    28-29 अक्टूबर को लगने वाला चंद्रग्रहण कई मामलों में खास है। चंद्रग्रहण शरद पूर्णिमा तिथि पर लगने वाला है। यह एक आंशिक चंद्रग्रण है। जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा के कुछ हिस्‍से पर पड़ती है तो आंशिक चंद्रग्रहण होता है जो बहुत लंबे समय तक नहीं होता।

    कहां कहां देखा जायेगा


    ग्रहण के समय शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। Lunar eclipse 2023 यानि साल का आखिरी चंद्रग्रहण भारत सहित दुनिया के कई देशों में देखा जा सकेगा और इसलिये सूतक लागू होगा। भारत के अलावा Lunar eclipse 2023 यानि चंद्रग्रहण नॉर्थ अमेरिका, उत्तर व पूर्व दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका,हिन्द महासागर और अंटार्कटिका में देखा जाने वाला है।


    Lunar eclipse 2023: भारत में कहां दिखेगा


    मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, बेंगलुरू, चेन्नई, देहरादून, भोपाल, सूरत, जयपुर, कानपुर, लखनऊ, नागपुर आदि शहरों में दिखेगा।



    Lunar eclipse 2023: कब लगेगा चंद्रग्रहण


    साल 2023 की आखिरी पूर्णिमा 28 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी और 29 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होने वाली है। ज्योतिष बताते हैं कि चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर की रात 12 बजे को पार कर 29 अक्टूबर को तिथि पर रात 01 बजकर 06 मिनट पर शुरू होने वाला है और 1 घंटे 16 मिनट तक ग्रहण लगने के बाद 02 बजकर 22 मिनट पर खत्म हो जायेगा। पहला स्पर्श देर रात 11 बजकर 32 मिनट पर है।

    कब से कब तक होगा सूतक काल


    Lunar eclipse 2023 के दौरान सूतक काल 28 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 6 मिनट से शुरू होगा और अगले 9 घंटे तक रहेगा। सूतक काल का समापन 29 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 22 मिनट पर होगा। सूतक काल का ये समय कुछ लोगों को छोड़कर बाकी सभी के लिये बंधनकारक है। हालांकि बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों के लिए इसमें थोड़ी छूट दी जाती है। इन लोगों के लिये सूतक का समय रात 9 बजे से शुरू होगा।

    सूतक में क्या करना है और क्या नहीं करना है


    ग्रहण काल में पूजा-पाठ की मनाही है

    गर्भवति महिलाएं कैंची, चाकू, सुई जैसी नुकीली चीजों के इस्‍तेमाल न करें

    सूतक शुरू होने से खत्म होने तक खाना बनाने या खाना खाने की मनाही

    बुजुर्ग और गर्मवती महिलाएं खा सकती हैं

    सूतक काल में ध्यान करें

    चंद्रग्रहण का प्रभाव विभिन्न राशियों पर अलग अलग पड़ता है। कुछ के लिये शुभ और कुछ के लिये अशुभ भी हो सकता है

    राशियों पर प्रभाव- Horoscope 


    आज लगने वाले चंद्रग्रहण में चंद्रमा मेष राशि में राहु और बृहस्पति के साथ होगा और सूर्य, बुध, मंगल के साथ केतु होगा। देश के कई ज्योतिष और प्रकांड विद्वानों के मुताबिक मिथुन, कन्या, तुला और धनु पर चंद्रग्रहण का अच्छा प्रभाव पडेगा जबकि मेष, कर्क, वृषभ, मीन और वृश्चिक राशियों पर इसका बुरा प्रभाव होगा।



    मेष राशि वालों को रिश्तों में परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। पैसे और नौकरी-पेशा से जुड़ी दिक्कत आ सकती है। बुध के तुला राशि में रहने तक काम का दबाव रहेगा।

    वृषभ राशि वालों को आर्थिक परेशानी हो सकती है। परिवार में अशांति होगी। पाचन संबंधी दिक्कत होगी।

    मीन राशि वालों के लिये बुध के तुला राशि में रहने के समय तक बिजनेस में घाटा हो सकता है और पैसा डूब सकता है। पारिवारिक दिक्कत हो सकती है।

    कर्क राशि वालों के जीवन में तनाव रहेगा। परिवार में दिक्कत होगी और संपत्ति का भी नुकसान हो सकता है।

    वृश्चिक राशि वालों को नौकरी-पेशा की परेशानी उठानी पड़ सकती है। अचानक भारी खर्च को बोझ आ सकता है। रिश्ते तल्ख हो सकते हैं। स्वास्थ्य संबंधी परेशानी भी हो सकती है।


    क्यों होता है ग्रहण


    पृथ्वी और चन्द्रमा के बीच सूर्य के आ जाने से चंद्रग्रहण लगता है। चंद्र ग्रहण के समय शुभ कार्य करने की मनाही होती है क्योंकि इस दौरान पृथ्वी पर राहु और केतु का प्रभाव बढ़ जाता है। चंद्र ग्रहण केवल पूर्णिमा के दौरान होता है, जब हमारा चंद्रमा और सूर्य पृथ्वी के विपरीत दिशा में होते हैं, जिससे हमारे ग्रह की छाया हमारे प्राकृतिक उपग्रह के चेहरे पर पड़ती है लेकिन हर पूर्णिमा पर ग्रहण नहीं पड़ता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चंद्रमा की कक्षीय सतह पृथ्वी की तुलना में लगभग 5 डिग्री झुकी हुई या झुकी हुई है।



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